उत्तर प्रदेश में फिर कांपी धरती, नेपाल में आए भूकंप के झटकों का असर
उत्तर प्रदेश | लखनऊ
उत्तर प्रदेश में शनिवार सुबह लोगों ने अचानक धरती को हिलता हुआ महसूस किया, जिससे कई जिलों में हलचल और दहशत का माहौल बन गया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.0 मापी गई और इसका केंद्र नेपाल में 20 किलोमीटर गहराई में था।
यूपी के कई जिलों में महसूस हुए झटके
नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों में सबसे ज्यादा असर देखा गया। महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत में सुबह के वक्त धरती के हिलने की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, गोंडा, बस्ती, सुल्तानपुर, आजमगढ़ और जौनपुर में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए।
उत्तराखंड के बागेश्वर, चमोली, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और नैनीताल में भी कंपन महसूस किया गया, हालांकि अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।
गौरतलब है कि 3 अप्रैल को भी उत्तर भारत में भूकंप आया था, जब हरियाणा के झज्जर में 3.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज हुआ था। उस समय भी यूपी के कई हिस्सों—जैसे अयोध्या, लखनऊ और वाराणसी—में कंपन महसूस की गई थी। इसके अलावा उसी दिन नेपाल के ददेलधुरा में 6.2 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया था, जिसका प्रभाव भी उत्तर प्रदेश तक पहुंचा था।
लोगों में दहशत, प्रशासन अलर्ट मोड में
भूकंप के झटकों के बाद लोगों में असमंजस और डर का माहौल है। कई लोग घरों से बाहर निकल आए। हालांकि अब तक किसी जानमाल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है। प्रशासन ने स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने की बात कही है।
भूकंप के दौरान क्या करें, क्या न करें?
सुरक्षित रहें, सतर्क रहें – अपनाएं ये ज़रूरी सावधानियां:
- भूकंप आते ही खुले मैदान या खाली जगह की ओर जाएं।
- इमारतों, खंभों, बिजली की तारों या पहाड़ी इलाकों से दूर रहें।
- अगर घर के अंदर हैं, तो किसी मजबूत टेबल या पलंग के नीचे छिप जाएं और सिर को किसी तकिये या हाथों से ढक लें
- लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
- अपने पास एक इमरजेंसी किट रखें जिसमें पानी, टॉर्च, प्राथमिक उपचार सामग्री और जरूरी दस्तावेज हों।
- अफवाहों से बचें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
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