कोरोना अलर्ट: दिल्ली में फिर बढ़ा खतरा, सरकार ने जारी की एडवाइजरी , देश के अन्य राज्यों का भी हाल जानिए ........
कोरोना अलर्ट: दिल्ली में बढ़े केस, देशभर में फिर बढ़ा खतरा देश में एक बार फिर कोरोना की वापसी ने चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली में 23 एक्टिव केस मिलने पर एडवाइजरी जारी हुई है। अस्पतालों को तैयार रहने को कहा गया है। देश के अन्य राज्यों जैसे केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गाजियाबाद, गुजरात और बंगाल से भी केस सामने आए हैं। सरकार सतर्क है, अब हमें भी सावधान रहने की ज़रूरत है।
कोरोना वायरस ने एक बार फिर दस्तक दे दी है। वो भय, वो चिंता और वो सतर्कता—सब फिर से लौटती दिख रही है। इस बार शुरुआत हुई है राजधानी दिल्ली से, जहां कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है। दिल्ली के अस्पतालों को सतर्क कर दिया गया है। उन्हें ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, जरूरी दवाएं, वैक्सीन और बिस्तरों की पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। एक बार फिर वेंटिलेटर से लेकर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तक हर उपकरण को चालू हालत में रखने को कहा गया है। यह सब कुछ एक ऐसे वायरस के खिलाफ है जो भले अब कमजोर पड़ चुका है, लेकिन उसकी यादें और असर अब भी लोगों के मन में गहरे छपे हैं।
दिल्ली में एक्टिव केस बढ़े, एडवाइजरी जारी
दिल्ली में फिलहाल कोरोना के 23 एक्टिव केस हैं। यह संख्या भले बड़ी न लगे, लेकिन इससे स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। दिल्ली सरकार की तरफ से जारी एडवाइजरी में साफ कहा गया है कि सभी अस्पताल कोविड से निपटने के लिए तैयार रहें। दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए और जरूरी उपकरणों की स्थिति लगातार जांची जाए।
देशभर से मिल रही हैं केसों की खबरें
दिल्ली ही नहीं, देश के अन्य राज्यों से भी कोरोना के नए केस सामने आ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कुल 257 कोविड केस दर्ज किए गए हैं। सबसे अधिक 95 सक्रिय मामले केरल से सामने आए हैं। तमिलनाडु में 66 और महाराष्ट्र में 56 केस दर्ज किए गए हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में कोरोना के चार मरीज पाए गए हैं, जिनमें तीन महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं।
इसके अलावा पुडुचेरी, गुजरात, राजस्थान, सिक्किम, हरियाणा, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से भी कोरोना संक्रमण के नए मामलों की पुष्टि हुई है। यह आंकड़े भले अभी चिंता का कारण न हों, लेकिन लापरवाही की गुंजाइश बिल्कुल नहीं बची है।
Video By- DNAIndiaNews
बढ़ते मामलों को देखते हुए 19 मई को स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, आईसीएमआर और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञ शामिल हुए। बैठक में साफ कहा गया कि मौजूदा आंकड़ों को हल्के में न लिया जाए और हर राज्य अपने-अपने स्तर पर सतर्कता बरते।
भले ही एक्टिव मामलों की संख्या देश की कुल आबादी के मुकाबले बहुत कम है, लेकिन कोरोना का इतिहास यही सिखाता है कि सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। भारत ने पहले भी इस महामारी का मुकाबला मजबूती से किया है, लेकिन लापरवाही कभी भी हालात बिगाड़ सकती है।
निष्कर्ष:
कोरोना अभी गया नहीं है, बस थोड़ा थम गया है। ऐसे में जरूरी है कि हम पहले जैसी सतर्कता फिर से अपनाएं—मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और वैक्सीनेशन को नज़रअंदाज़ न करें। सरकार और स्वास्थ्य विभाग अपनी ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं, अब हमारी बारी है कि हम भी सतर्क रहें और इस बार भी एकजुट होकर इस खतरे को मात दें।
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